उल्लू रहा,
दो सालों तक,
(ठीक चार बजे,
चंद्रमुखी से मिलने,
और कॉफ़ी पीने के बाद,
टहलते हुए,
खुजलाने से पहले,
बार-बार हथेलियाँ),
बना हूँ गधा,
अभी-अभी,
मेरे तर्क सुनने के बाद,
जीतेन्द्र के जाने से,
ठीक पहले,
और तय है परसों,
मिलना बॉस से,
उतना ही तय है,
बनना मेरा कुत्ता,
बेहतर है,
कुछ तरह के इनसान बनने से,
बन जाना,
कुछ तरह के जानवर!
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