खरिहान
कविताएं- केशव 'कहिन' और ग़ज़लें- के 'नज़र' के नाम से
शुक्रवार, नवंबर 16, 2012
एक राजा था!
एक राजा था
,
ठीक से कहें तो-
एक रानी थी.
प्रजा कैसी थी
,
इसका पता चलते ही
,
लिख दी जायेगी
,
एक कहानी.
हाँ
,
जितना ज्यादा लंबा लगा वक्त
,
उतनी छोटी होगी
,
यह कहानी.
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