अब नहीं होती
मौत,
शहर में,
किसी गीदड़ की,
डर नहीं लगता उसे,
आने से,
और भभकियां देने तक से,
उन सब को-
जो शहर में पाए जाते हैं,
रहते हुए-
किसी से चिपके,
और कहीं दुबके.
कहा और सुना जाता है-
यहीं रहते थे,
आदमी कभी!
---
शहर में,
किसी गीदड़ की,
डर नहीं लगता उसे,
आने से,
और भभकियां देने तक से,
उन सब को-
जो शहर में पाए जाते हैं,
रहते हुए-
किसी से चिपके,
और कहीं दुबके.
कहा और सुना जाता है-
यहीं रहते थे,
आदमी कभी!
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बहुत सुंदर .बेह्तरीन अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.
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