बुधवार, मार्च 20, 2013

तू ही बस मेरा न था!


ज़मीं तेरीहवा तेरीशफक तेरी, हया तेरी,
आसमां, सूरज, गुलिस्तां और क्या तेरा न था,
खुदी मेरी, बदी मेरी, कजा मेरी, सजा मेरी,
था इधर भी बहुत लेकिन, तू ही बस, मेरा न था.

धूप तेरी, छाँव तेरी, दरिया तेरी, नाव तेरी,
था तुझे सब कुछ मयस्सर, क्या भला तेरा न था,
जलन मेरी, चुभन मेरी, भंवर मेरा, घुटन मेरी,
थी बड़ी दौलत मेरी, पर- तू ही बस, मेरा न था. 
--- 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपने कहा-